19 Jul 2015
jay swaminarayan સ્વામિનારાયણ ભગવાનનું જીવન ચરિત્ર વૃતાંત ઇન ગુજરાતી
સૌના ભલામાં આપણું ભલું સમાયેલું છેTRUE IS GOD
17 Jul 2015
मोटापा कम करे :_
कमर और पेट का ये बढ़ता साइज कई बीमारियों का कारण बन सकता है....!
* आपका लगातार वजन बढ़ रहा है तो सावधान हो जाइए।
* आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे छोटे-छोटे नुस्खे, जिन्हें अपनाकर आप बिना ज्यादा मेहनत किए वजन को नियंत्रित कर सकते हैं:--
* पुदीने की ताजी हरी पत्तियों की चटनी बनाकर चपाती के साथ खाएं। पुदीने वाली चाय पीने से भी वजन नियंत्रण में रहता है।
* आधा चम्मच सौंफ को एक कप खौलते पानी में डाल दें। 10 मिनट तक इसे ढककर रखें। ठंडा होने पर इस पानी को पिएं। ऐसा तीन माह तक लगातार करने से वजन कम होने लगता है।
* पपीता नियमित रूप से खाएं। यह हर सीजन में मिल जाता है। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है।
* दही का खाने से शरीर की फालतू चर्बी घट जाती है। छाछ का भी सेवन दिन में दो-तीन बार करें।
* छोटी पीपल का बारीक चूर्ण पीसकर उसे कपड़े से छान लें। यह चूर्ण तीन ग्राम रोजाना सुबह के समय छाछ के साथ लेने से बाहर निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है।
* ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली वस्तुओं से परहेज करें। शक्कर, आलू और चावल में अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है। ये चर्बी बढ़ाते हैं।
* केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाय गेहूं, सोयाबीन और चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है।
* सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें। केला और चीकू न खाएं। इनसे मोटापा बढ़ता है।
* आंवले व हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लेंं।#कमर एकदम पतली हो जाएगी।
* मोटापा कम नहीं हो रहा हो तो खाने में कटी हुई हरी मिर्च या काली मिर्च को शामिल करके बढ़ते वजन पर काबू पाया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि वजन कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका मिर्च खाना है। मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्साइसिन से भूख कम होती है। इससे ऊर्जा की खपत भी बढ़ जाती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है।
* लटजीरा या चिरचिटा के बीजों को एकत्र कर लें। किसी मिट्टी के बर्तन में हल्की आंच पर भूनकर पीस लें। एक-एक चम्मच दिन में दो बार फांकी लें, बहुत फायदा होगा।
* दो बड़े चम्मच मूली के रस में शहद मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिएं। ऐसा करने से 1 माह के बाद #मोटापा कम होने लगेगा।
* मालती की जड़ को पीसकर शहद मिलाकर खाएं और छाछ पिएं। प्रसव के बाद होने वाले मोटापे में यह रामबाण की तरह काम करता हैै।
* खाने के साथ टमाटर और प्याज का सलाद काली मिर्च व नमक डालकर खाएं। इनसे शरीर को विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, आयरन, पोटैशियम, लाइकोपीन और ल्यूटिन मिलेेगा। इन्हें खाने के बाद खाने से पेट जल्दी भर जाएगा और वजन नियंत्रित हो जाएगा।
* रोज सुबह-सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएं। इस घोल को पीने से शरीर से वसा की मात्रा कम होती है।
* गुग्गुल गोंद को दिन मे दो बार पानी में घोलकर या हल्का गुनगुना कर सेवन करने से#वजन कम करने में मदद मिलती है।
* हरड़ और बहेड़ा का चूर्ण बना लें। एक चम्मच चूर्ण 50 ग्राम परवल के जूस (1 गिलास) के साथ मिलाकर रोज लें, वजन तेजी से कम होने लगेगा।
* करेले की सब्जी खाने से भी वजन कम करने में मदद मिलती है। सहजन के नियमित सेवन से भी वजन नियंत्रित रहता है।
* सौंठ, दालचीनी की छाल और काली मिर्च (3 -3 ग्राम) पीसकर चूर्ण बना लें। सुबह खाली पेट और रात सोने से पहले पानी से इस चूर्ण को लें, #मोटापा कम होने लगेगा।
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गंजापन दूर करने के सरल उपचार.
गंजापन दूर करने के सरल उपचार. : How to fight against baldness?
गंजापन एक आम समस्या बन गई है,चाहे महिला हो या पुरुष, ये समस्या दोनों को हो सकती हैं. गंजापन को एलोपेसिया भी कहते हैं. जब असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झड़ने लगते हैं तो नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे पहले के बाल से अधिक पतले या कमजोर उगते हैं. ऐसे में आगे जाकर गंजे होने की संभावना अधिक हो जाती है.।
कारण--
बालों का गिरना या झड़ना एक गंभीर समस्या है. बालों के झड़ने अथवा गंजेपन के कई कारण है जैसे बालों की जड़ों का कमजोर हो जाना, पिट्यूटरी ग्लैंड(पियूस ग्रंथि) में हार्मोन्स की कमी, सिर पर रुसी की अधिकता, बालों की जड़ों में पोषक तत्वों की कमी, क्रोध, शोक, चिंता, अधिक मानसिक परिश्रम, अधिक गरम भोजन, सिर में बढ़ती गर्मी, भोजन में विटामिंस मिनिरल्स, रेशा एवं आभ्यंतर रस हार्मोन्स की कमी, लगातार सिर दर्द रहने से रक्त संचार में कमी, भोजन का सही ढंग से न पचना, सिर के स्नायुओं में प्राण प्रवाह की कमी.
गंजेपन की चिकित्सा--
हमारे भोजन में कतिपय ऐसे मिनरल्स पाये जाते हैं जिनका गंजापन विरोधी प्रभाव होता है।
यहां हम ऐसे ही भोजन तत्वों का विवरण प्रस्तुत करते हैं--
सबसे महत्वपूर्ण तत्व जो गंजापन दूर कर सकते हैं वे हैं- जिंक,कापर ,लोह तत्व और सिलिका.
जिंक में गंजापन नष्ट करने वाले तत्व पाये जाते हैं। केले,अंजीर,बेंगन ,आलू और स्ट्राबेरी में जिंक की संतोषप्रद मात्रा निहित होती है।
कापर तत्व हमारे इम्युन सिस्टम को को मजबूत करते हुए बालों की सुरक्षा करता है। रक्त में हेमोग्लोबिन की वृद्धि के लिये कापर सहायता करता है। दालें,सोयाबीन और वालनट आदि में कापर तत्व पाया जाता है।
लोह तत्व बालों की सुरक्षा और पोषण के लिये आवश्यक है। मटर,गाजर, चिकोरी, ककडी, और पालक में पर्याप्त आयरन होता है। अपने भोजन में इन्हें शामिल करना उचित है।
सिलिका तत्व चावल और आम में मौजूद रहता है।
गंजापन में उपयोगी अन्य उपचार-
- उड़द की दाल को उबाल कर पीस लें। रात को सोते समय इस पिट्ठी का लेप सिर पर कुछ दिनों तक करते रहने से गंजापन समाप्त हो जाता है।
मैथी का प्रयोग--
मेथी को पूरी रात भिगो दें और सुबह उसे गाढ़ी दही में मिला कर अपने बालों और जड़ो में लगाएं। उसके बाद बालों को धो लें इससे रुसी और सिर की त्वचा में जो भी समस्या होगी वह दूर हो जाएगी।मेथी में निकोटिनिक एसिड और प्रोटीन पाया जाता है जो बालों की जड़ो को प्रोषण पहुंचाता है और बालों की ग्रोथ को भी बढ़ाता है। इसके प्रयोग से सूखे और डैमेज बाल भी ठीक हो जाते हैं।
हरा धनिया
हरे धनिए का लेप जिस स्थान पर बाल उड़ गए हैं, वहां करने से बाल उगने लगते हैं.।
अन्य उपयोगी उपचार-
थोड़ी सी मुलहठी को दूध में पीसकर, फिर उसमें चुटकी भर केसर डाल कर उसका पेस्ट बनाकर सोते समय सिर में लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है.
केले का गूदा निकालकर उसे निंबू के रस में मिलाकर गंजवाले स्थान पर लगाने से बालों के उडने की समस्या में लाभ होता है।
अनार के पती पीसकर गंज-स्थल पर लगाने से गंज का निवारण होता है।
प्याज काटकर दो भाग करें। आधे प्याज को गंज वाले भाग पर ५ मिनिट रोज रगडें। फिर शहद लगाएं| बाल आने लगेंगे।
गाजर भी बालों की समस्या में बहुत हितकारी है| गाजर को उबालें फिर पीसकर पेस्ट बनालें| यह पेस्ट बालों और गंज की जगह ३० मिनिट तक लगी रहने दें और फिर धो लें| इससे बालों के झड़ने पर रोक लगती है और नए बाल उगने लगते हैं|
२-३ आलू का रस निकालें| इस रस को सेव के रस के साथ मिलाएं| अब इस घोल में अंडे की जर्दी और थोड़ा सा शहद मिलाएं| | इस घोल को नहाने के ३० मिनिट पाहिले सर पर लगाएं| इस प्रयोग से बालों की चमक और लम्बाई बढ़ती है| नए बाल को उगने का प्रोत्साहन मिलता है|
नीम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बनालें ,इसे भली प्रकार बालों में लगाएं ,सूखने पर बाल धोलें| इस उपचार से बाल झडना बंद हो जाते हैं |
बेसन मिला दूध या दही से बाल धोएँ| उपकारी उपाय है|
कच्चे पपीते का पेस्ट सर में १० मिनिट लगाएं फिर धोलें| बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ (रूसी) का ईलाज भी हो जाएगा |
बालो के रोग -
पुरुषों में बालों के झड़ने की समस्या को एण्ड्रोजन एलोपेशिया कहते है।
यह अनुवांशिक कारणों से होता है और कई पुश्तें इसकी चपेट में आती हैं।
बाल झड़ने के पीछे हो सकते हैं कई अन्य कारण।
पुरुषों में बालों का झडना सामान्य समस्या है
इसे एण्ड्रोजन एलोपेशिया कहते है। यह ज्यादातर आनुवांशिक कारणों से होता है और यह पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में चलता है। पुरुषों के चालीस वर्ष की आयु के आसपास बाल झड़ना शुरू हो जाता है। लेकिन, कई लोगों में यह समस्या इससे पहले भी शुरू हो जाती है।
बालों का पतला होना और बाल गिरना आम समस्या है। पुरुषों में बाल झड़ने का कारण है आहार में विटामिन 'बी' और फोलिक एसिड की कमी, अपर्याप्त पोषण जो की तनाव, उत्तेजना और अचानक किसी सदमे से बढ़ जाता है। बाल झड़ना भी लंबी बीमारी की वजह से हो सकता है। टायफाइड, सिफलिस, लंबे समय से हुई सर्दी, इन्फ्लुएंजा और अनीमिया जैसे रोग बाल झड़ने के कारण हो सकते हैं|
बालों के झड़ने लिए घरेलू उपचार-
एक कप सरसों के तेल को गर्म करे और इसमें चार टेबल स्पून हिना ( मेहंदी ) की पत्तियां मिलाएं। इस मिश्रण को छानकर बोतल में रख दें। अपने गंजे धब्बों को इस घरेलू उपचार के साथ रोजाना मालिश करें।
.सिर के जिस हिस्से में बाल उड़ गए हों वहां प्याज की लेई से घिसे जब तक की यह लाल न हो जाए और इसके बाद शहद लगाएं।
अपने सिर पर शहद और अंडे के योक के मिश्रण से मालिश करे। और फिर इसको आधे घंटे के लिए छोड़ दे
इसके बाद इसे धो लें।
5 टेबल स्पून दही में एक चम्मच नींबू का रस और 2 टेबल स्पून काले चने का पाउडर मिलायें। इस मिश्रण
को एक घंटे तक सिर पर लगाकर रखें। इससे आपको काफी लाभ होगा।
पुरुषों में बाल झडना रोकने के लिए अपने आहार में अतिरिक्त खनिज पदार्थ शामिल कीजिए। जैसे
कैल्शियम, मैग्नीशियम, और जिंक साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर खायें। <!-- तनाव और उत्तेजना कम करने के लिए ध्यान और योग करें और गीले बालों पर कंघी करने से बचें।
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बटुक भैरव अष्टोत्तर-शतनाम स्तोत्र ( संहार क्रम )
बटुक भैरव अष्टोत्तर-शतनाम स्तोत्र ( संहार क्रम )
विनियोग:- ॐ अस्य श्रीबटुक भैरव स्तोत्र मन्त्रस्य, कालाग्नि रूद्र ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, आपदुद्धारक बटुक भैरवो देवता, ह्रीं बीजम्, भैरवी वल्लभः शक्तिः, नील वर्णों दण्ड पाणि: कीलकं, समस्त शत्रु दमने समस्ता-पन्निवारणे सर्वाभीष्ट प्रदाने च विनियोगः ।
ऋष्यादि न्यास :-
ॐ कालाग्नि ऋषये नमः शिरसि ।
अनुष्टुप् छन्दसे नमः मुखे ।
आपदुद्धारक श्रीबटुक भैरव देवतायै नमः हृदये ।
ह्रीं बीजाय नमः गुह्यये ।
भैरवी वल्लभ शक्तये नमः पादयोः
नील वर्णों दण्ड-पाणि: कीलकाय नमः नाभौ ।
समस्त शत्रु दमने समस्तापन्निवारणे सर्वाभीष्ट प्रदाने च विनियोगाय नमः सर्वांगे ।
ऋष्यादि न्यास :-
ॐ कालाग्नि ऋषये नमः शिरसि ।
अनुष्टुप् छन्दसे नमः मुखे ।
आपदुद्धारक श्रीबटुक भैरव देवतायै नमः हृदये ।
ह्रीं बीजाय नमः गुह्यये ।
भैरवी वल्लभ शक्तये नमः पादयोः
नील वर्णों दण्ड-पाणि: कीलकाय नमः नाभौ ।
समस्त शत्रु दमने समस्तापन्निवारणे सर्वाभीष्ट प्रदाने च विनियोगाय नमः सर्वांगे ।
मूल-मन्त्र :-
ॐ ह्रीं बं बटुकाय क्षौं क्षौं आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय स्वाहा ।
ध्यान :-
नील-जीमूत-संकाशो जटिलो रक्त-लोचनः ।
दंष्ट्रा कराल वदनः सर्प यज्ञोपवीत-वान् ।।
दंष्ट्राSSयुधालंकृतश्च कपाल-स्त्रग्-विभूषितः ।
हस्त-न्यस्त-करो टीका-भस्म-भूषित-विग्रहः ।।
नाग-राज-कटि-सूत्रों बाल-मूर्तिर्दिगम्बरः ।
मञ्जु-सिञ्जान-मञ्जरी-पाद-कम्पित-भूतलः ।।
भूत-प्रेत-पिशाचैश्च सर्वतः परिवारितः ।
योगिनी-चक्र-मध्यस्थो मातृ-मण्डल-वेष्टितः ।।
अट्टहास-स्फुरद्-वक्त्रो भृकुटी-भीषणाननः ।
भक्त-संरक्षणार्थ हि दिक्षु भ्रमण-तत्परः ।।
स्तोत्र
ॐ ह्रीं बटुकों वरदः शूरो भैरवः काल भैरवः ।
भैरवी वल्लभो भव्यो दण्ड पाणिर्दया निधिः ।।1
वेताल वाहनों रौद्रो रूद्र भृकुटि सम्भवः ।
कपाल लोचनः कान्तः कामिनी वश कृद् वशी ।।2
आपदुद्धारणो धीरो हरिणाङ्क शिरोमणिः ।
दंष्ट्रा-करालो दष्टोष्ठौ धृष्टो-दुष्ट-निवर्हणः ।।3
सर्प-हारः सर्प-शिरः सर्प-कुण्डल-मण्डितः ।
कपाली करुणा-पूर्णः कपालैक-शिरोमणिः ।।4
श्मशान-वासी मासांशी मधु-मत्तोSट्टहास-वान् ।
वाग्मी वाम-व्रतो वामो वाम-देव-प्रियंङ्करः ।।5
वनेचरो रात्रि-चरो वसुदो वायु-वेग-वान् ।
योगी योग-व्रत-धरो योगिनी-वल्लभो युवा ।।6
वीर-भद्रो विश्वनाथो विजेता वीर-वन्दितः ।
भूताध्यक्षो भूति-धरो भूत-भीति-निवरणः ।।7
कलङ्क-हीनः कंकाली क्रूरः कुक्कुर-वाहनः ।
गाढ़ो गहन-गम्भीरो गण-नाथ-सहोदरः ।।8
देवी-पुत्रो दिव्य-मूर्तिर्दीप्ति-मान् दिवा-लोचनः ।
महासेन-प्रिय-करो मान्यो माधव-मातुलः ।।9
भद्र-काली -पतिर्भद्रो भद्रदो भद्र-वाहनः ।
पशूपहार-रसिकः पाशी पशु-पतिः पतिः ।।10
चण्डः प्रचण्ड-चण्डेशश्चण्डी-हृदय-नन्दनः ।
दक्षो दक्षाध्वर-हरो दिग्वासा दीर्घ-लोचनः ।।11
निरातङ्को निर्विकल्पः कल्पः कल्पान्त-भैरवः ।
मद-ताण्डव-कृन्मत्तो महादेव-प्रियो महान् ।।12
खट्वांग-पाणिः खातीतः खर-शूलः खरान्त-कृत् ।
ब्रह्माण्ड-भेदनो ब्रह्म-ज्ञानी ब्राह्मण-पालकः ।।13
दिक्-चरो भू-चरो भूष्णुः खेचरः खेलन-प्रियः ,
सर्व-दुष्ट-प्रहर्त्ता च सर्व-रोग-निषूदनः ।
सर्व-काम-प्रदः शर्वः सर्व-पाप-निकृन्तनः ।।14
फल-श्रुति
इत्थमष्टोत्तर-शतं नाम्ना सर्व-समृद्धिदम् ।
आपदुद्धार-जनकं बटुकस्य प्रकीर्तितम् ।।
एतच्च श्रृणुयान्नित्यं लिखेद् वा स्थापयेद् गृहे ।
धारयेद् वा गले बाहौ तस्य सर्वा समृद्धयः ।।
न तस्य दुरितं किञ्चिन्न चौर-नृपजं भयम् ।
न चापस्मृति-रोगेभ्यो डाकिनीभ्यो भयं नहि ।।
न कूष्माण्ड-ग्रहादिभ्यो नापमृत्योर्न च ज्वरात् ।
मासमेकं त्रि-सन्ध्यं तु शुचिर्भूत्वा पठेन्नरः ।।
सर्व-दारिद्रय-निर्मुक्तो निधि पश्यति भूतले ।
मास-द्वयमधीयानः पादुका-सिद्धिमान् भवेत् ।।
अञ्जनं गुटिका खड्गं धातु-वाद-रसायनम् ।
सारस्वतं च वेताल-वाहनं बिल-साधनम् ।।
कार्य-सिद्धिं महा-सिद्धिं मन्त्रं चैव समीहितम् ।
वर्ष-मात्रमधीनः प्राप्नुयात् साधकोत्तमः ।।
एतत् ते कथितं देवि ! गुह्याद् गुह्यतरं परम् ।
कलि-कल्मष-नाशनं वशीकरणं चाम्बिके ! ।।
ॐ ह्रीं बं बटुकाय क्षौं क्षौं आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय स्वाहा ।
ध्यान :-
नील-जीमूत-संकाशो जटिलो रक्त-लोचनः ।
दंष्ट्रा कराल वदनः सर्प यज्ञोपवीत-वान् ।।
दंष्ट्राSSयुधालंकृतश्च कपाल-स्त्रग्-विभूषितः ।
हस्त-न्यस्त-करो टीका-भस्म-भूषित-विग्रहः ।।
नाग-राज-कटि-सूत्रों बाल-मूर्तिर्दिगम्बरः ।
मञ्जु-सिञ्जान-मञ्जरी-पाद-कम्पित-भूतलः ।।
भूत-प्रेत-पिशाचैश्च सर्वतः परिवारितः ।
योगिनी-चक्र-मध्यस्थो मातृ-मण्डल-वेष्टितः ।।
अट्टहास-स्फुरद्-वक्त्रो भृकुटी-भीषणाननः ।
भक्त-संरक्षणार्थ हि दिक्षु भ्रमण-तत्परः ।।
स्तोत्र
ॐ ह्रीं बटुकों वरदः शूरो भैरवः काल भैरवः ।
भैरवी वल्लभो भव्यो दण्ड पाणिर्दया निधिः ।।1
वेताल वाहनों रौद्रो रूद्र भृकुटि सम्भवः ।
कपाल लोचनः कान्तः कामिनी वश कृद् वशी ।।2
आपदुद्धारणो धीरो हरिणाङ्क शिरोमणिः ।
दंष्ट्रा-करालो दष्टोष्ठौ धृष्टो-दुष्ट-निवर्हणः ।।3
सर्प-हारः सर्प-शिरः सर्प-कुण्डल-मण्डितः ।
कपाली करुणा-पूर्णः कपालैक-शिरोमणिः ।।4
श्मशान-वासी मासांशी मधु-मत्तोSट्टहास-वान् ।
वाग्मी वाम-व्रतो वामो वाम-देव-प्रियंङ्करः ।।5
वनेचरो रात्रि-चरो वसुदो वायु-वेग-वान् ।
योगी योग-व्रत-धरो योगिनी-वल्लभो युवा ।।6
वीर-भद्रो विश्वनाथो विजेता वीर-वन्दितः ।
भूताध्यक्षो भूति-धरो भूत-भीति-निवरणः ।।7
कलङ्क-हीनः कंकाली क्रूरः कुक्कुर-वाहनः ।
गाढ़ो गहन-गम्भीरो गण-नाथ-सहोदरः ।।8
देवी-पुत्रो दिव्य-मूर्तिर्दीप्ति-मान् दिवा-लोचनः ।
महासेन-प्रिय-करो मान्यो माधव-मातुलः ।।9
भद्र-काली -पतिर्भद्रो भद्रदो भद्र-वाहनः ।
पशूपहार-रसिकः पाशी पशु-पतिः पतिः ।।10
चण्डः प्रचण्ड-चण्डेशश्चण्डी-हृदय-नन्दनः ।
दक्षो दक्षाध्वर-हरो दिग्वासा दीर्घ-लोचनः ।।11
निरातङ्को निर्विकल्पः कल्पः कल्पान्त-भैरवः ।
मद-ताण्डव-कृन्मत्तो महादेव-प्रियो महान् ।।12
खट्वांग-पाणिः खातीतः खर-शूलः खरान्त-कृत् ।
ब्रह्माण्ड-भेदनो ब्रह्म-ज्ञानी ब्राह्मण-पालकः ।।13
दिक्-चरो भू-चरो भूष्णुः खेचरः खेलन-प्रियः ,
सर्व-दुष्ट-प्रहर्त्ता च सर्व-रोग-निषूदनः ।
सर्व-काम-प्रदः शर्वः सर्व-पाप-निकृन्तनः ।।14
फल-श्रुति
इत्थमष्टोत्तर-शतं नाम्ना सर्व-समृद्धिदम् ।
आपदुद्धार-जनकं बटुकस्य प्रकीर्तितम् ।।
एतच्च श्रृणुयान्नित्यं लिखेद् वा स्थापयेद् गृहे ।
धारयेद् वा गले बाहौ तस्य सर्वा समृद्धयः ।।
न तस्य दुरितं किञ्चिन्न चौर-नृपजं भयम् ।
न चापस्मृति-रोगेभ्यो डाकिनीभ्यो भयं नहि ।।
न कूष्माण्ड-ग्रहादिभ्यो नापमृत्योर्न च ज्वरात् ।
मासमेकं त्रि-सन्ध्यं तु शुचिर्भूत्वा पठेन्नरः ।।
सर्व-दारिद्रय-निर्मुक्तो निधि पश्यति भूतले ।
मास-द्वयमधीयानः पादुका-सिद्धिमान् भवेत् ।।
अञ्जनं गुटिका खड्गं धातु-वाद-रसायनम् ।
सारस्वतं च वेताल-वाहनं बिल-साधनम् ।।
कार्य-सिद्धिं महा-सिद्धिं मन्त्रं चैव समीहितम् ।
वर्ष-मात्रमधीनः प्राप्नुयात् साधकोत्तमः ।।
एतत् ते कथितं देवि ! गुह्याद् गुह्यतरं परम् ।
कलि-कल्मष-नाशनं वशीकरणं चाम्बिके ! ।।
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गोमती चक्र और कुछ अन्य प्रयोग
जीवन की बाधाओं के समाधान के लिए गोमती चक्र और कुछ अन्य प्रयोग....!
* जीवन में हमें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ परेशानियां स्वयं ही समाप्त हो जाती हैं जबकि कुछ समस्याओं के निदान के लिए विशेष प्रयास करने पड़ते हैं। तंत्र शास्त्र के माध्यम से जीवन की कई समस्याओं का निदान किया जा सकता है। गोमती चक्र एक ऐसा पत्थर है जिसका उपयोग तंत्र क्रियाओं में किया जाता है। यह बहुत ही साधारण सा दिखने वाला पत्थर है लेकिन इसका यह बहुत प्रभावशाली है।
* गोमती चक्र की उत्पत्ति भगवान् विष्णु के चक्र से उस समय हुई जब देव दानव दोनों मिल कर समुद्र मन्थन करने लगे. पृथ्वी उसके भयंकर रगड़ एवं गर्जना से उत्तप्त हो गई. रोती बिलखती गाय के रूप में वह भगवान विष्णु की शरण में गयी. भगवान विष्णु ने अपने चक्र से समुद्र में ऐसी भयंकर चक्रवाती गोलाकार तरंग उत्पन्न किया कि मन्दराचल उसी में फँसकर अत्यंत तीव्र गति से पृथ्वी से ऊपर उठकर घूमने लगा. इस चक्र को ही भँवर कहा गया है. इस भँवर में फँसकर बड़े बड़े जलपोत डूब जाते है. इस भयंकर वेग से मन्दराचल के निचले सतह से अनेक पत्थर लावा बनकर बाहर छिटकने लगे. अनेक मणियाँ, बहुमूल्य धातुएँ तथा अन्य वस्तुएं जैसे शङ्ख आदि भी छिटक कर बाहर गिरने लगे.
* कुछ अति कीमती रत्न, पत्थर आदि घर्षण से पिघल तो गए किन्तु ऊपर पानी के सतह पर आते ही ठन्डे पड़ने लगे जो भँवर की अबाध तीव्र गति के कारण गोल रूप लेते चले गये. इनकी संख्या धीरे धीरे इतनी ज्यादा बढ़ गई कि भँवर हल्का पड़ने लगा. और अंत में समुद्र मन्थन को रोकना पड़ गया.
* वरुण (जल) के निचले सतह-पेंदे और गो रूप धारिणी माता पृथ्वी के ऊपरी सतह के मध्यवर्ती रत्न-धातु आदि “गो मृत्तिका” या “गो मिटटी” या गोमती चक्र के नाम से जाने गये. रहस्य विज्ञान के प्रवर्तक वरुण देव (जल) के घर्षणमय रासायनिक संयोग के कारण इसके अंदर शक्तिशाली अतिविचित्र शक्तियों का समावेश हो गया. और “गोमाता” पृथ्वी के आशीर्वाद से इसमें धनसंम्पदा आदि प्रदान करने की शक्तियाँ भी समाविष्ट हो गईं. गोमती चक्र एक अत्यंत शक्तिशाली उग्र रासायनिक प्रभाव वाला जल से उत्पन्न प्राकृतिक पदार्थ है जिसका नियम से और जिसके लिये उपयुक्त है वह प्रयोग करे तो अनेक विघ्न बाधा से निश्चित मुक्ति मिल सकती है.
* तंत्र शास्त्र के अंतर्गत तांत्रिक क्रियाओं मे एक ऐसे दिव्य पत्थर का उपयोग किया जाता है जो दिखने में बहुत ही साधारण होता है लेकिन इसका प्रभाव असाधारण होता है। तंत्र शास्त्र के ज्ञाता इस पर अनेक विध पूजन कर इसे प्राणप्रतिष्ठा से विशेष सिद्धि दायक बना देते हे |
* गोमती चक्र के साधारण तंत्र उपयोग इस प्रकार हैं ....मानसिक शांति ,रोग और भय से मुक्ति , दरिद्रता से मुक्ति ,कोर्ट कचेरी के मामलो मे राहत ,भुत – प्रेत बाधा ,शत्रुपीड़ा ,संतान प्राप्ति और खास कर धन संचय में . इसकी सिद्धि के विषय में अनेको मत मतान्तर देखे जाते हे | कुछ इसे स्वयं सिद्ध बताते हे ......तो कही इसकी सिद्धि के निर्देश मिलते हे . होली, दीवाली तथा नवरात्र आदि प्रमुख त्योहारों पर गोमती चक्र की विशेष पूजा की जाती है। ग्रहण या अमावस्या भी महत्त्वपूर्ण और सिद्धि दायक माने जाते हे |
* अन्य विभिन्न मुहूर्तों के अवसर पर भी इनकी पूजा लाभदायक मानी जाती है। गुरुपुष्य योग , सर्वसिद्धि योग तथा रविपुष्य योग पर इनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। खासकर मारण , संमोहन ,वशीकरण ,स्थंभन , उच्चाटन जेसे प्रयोग में और व्यापर वृद्धि ,अचल स्थिरलक्ष्मी ,शत्रु भय –पीड़ा ,देह व्याधि ,दुस्वप्न जेसे विषयों में इसका प्रयोग अत्यंत प्रभावी देखा गया हे | लेकिन अभिमंत्रित करने से गोमती चक्र का प्रभाव सौ गुना बढ़ जाता है .
इसके कुछ प्रयोग इस प्रकार हैं:-
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* सबसे पहले ये बताना उचित समझता हूँ कि आप जान ले कि गोमती चक्र क्या है..ये
गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है।
गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है।
* असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ। सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ । इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है।
* यदि शत्रु बढ़ गए हों तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है उतने गोमती चक्र लेेकर उस पर शत्रु का नाम लिखकर उन्हें जमीन में गाड़ दें तो शत्रु परास्त हो जाएंगे।
* प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें। निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे।
* यदि गोमती चक्र को लाल सिंदूर के डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-शांति बनी रहती है।
* यदि पति-पत्नी में मतभेद हो तो तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में "हलूं बलजाद" कहकर फेंद दें, इश्वेर चाहेगा तो धीरे-धीरे ये मतभेद समाप्त हो जाएगा।
* गोमती चक्र को होली के दिन थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम उच्चारण करते हुए जलती हुई होली में फेंक दें। आपकी शत्रु भी मित्र बन जाएगा।
* यदि किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब रहता हो अथवा जल्दी-जल्दी अस्वस्थ होता हो, तो चतुर्दशी को ११ अभिमंत्रित गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर रखकर सफेद चन्दन से तिलक करें । फिर भगवान् मृत्युंजय से अपने स्वास्थ्य रक्षा का निवेदन करें और यथा शक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जप करें । पाठ के बाद छह चक्र उठाकर किसी निर्जन स्थान पर जाकर तीन चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर अपने पीछे फेंक दें और पीछे देखे बिना वापस आ जायें । बाकि बचे तीन चक्रों को किसी शिव मन्दिर में भगवान् शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर दें और प्रणाम करके घर आ जायें । घर आकर चार चक्रों को चांदी के तार में बांधकर अपने पंलग के चारों पायों पर बांध दें तथा शेष बचे एक को ताबीज का रुप देकर गले में धारण करें ।
* यदि आपके बच्चे अथवा परिवार के किसी सदस्य को जल्दी-जल्दी नजर लगती हो, तो आप शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को ११ अभिमंत्रित गोमती चक्र को घर के पूजा स्थल में मां दुर्गा की तस्वीर के आगे लाल या हरे रेशमी वस्त्र पर स्थान दें । फिर रोली आदि से तिलक करके नियमित रुप से मां दुर्गा को ५ अगरबत्ती अर्पित करें । अब मां दुर्गा का कोई भी मंत्र जप करें । जप के बाद अगरबत्ती के भभूत से सभी गोमती चक्रों पर तिलक करें । नवमी को तीन चक्र पीड़ित पर से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दें और एक चक्र को हरे वस्त्र में बांधकर ताबीज का रुप देकर मां दुर्गा की तस्वीर के चरणों से स्पर्श करवाकर पीड़ित के गले में डाल दें । बाकि बचे सभी चक्रों को पीड़ित के पुराने धुले हुए वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें ।
* यदि आपको नजर जल्दी लगती हो, तो पाँच गोमती चक्र लेकर किसी सुनसान स्थान पर जायें । फिर तीन चक्रों को अपने ऊपर से सात बार उसारकर अपने पीछे फेंक दें तथा पीछे देखे बिना वापस आ जायें । बाकी बचे दो चक्रों को तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाहीत कर दें ।
* यदि आपका बच्चा अधिक डरता हो, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को हनुमान् जी के मन्दिर में जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक करके प्रभु के चरणों में रख दें और एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें । फिर चक्र उठाकर लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें ।
* यदि आप कितनी भी मेहनत क्यों न करें, परन्तु आर्थिक समृद्धि आपसे दूर रहती हो और आप आर्थिक स्थिति से संतुष्ट न होते हों, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को २१ अभिमंत्रित गोमती चक्र लेकर घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी व श्री विष्णु की तस्वीर के समक्ष पीले रेशमी वस्त्र पर स्थान दें । फिर रोली से तिलक कर प्रभु से अपने निवास में स्थायी वास करने का निवेदन तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना करके हल्दी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र की तीन माला जप करें । इस प्रकार सवा महीने जप करने के बाद अन्तिम दिन किसी वृद्ध तथा ९ वर्ष से कम आयु की एक बच्ची को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करें ।
* यदि व्यवसाय में किसी कारण से आपका व्यवसाय लाभदायक स्थिति में नहीं हो, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को ३ गोमती चक्त, ३ कौड़ी व ३ हल्दी की गांठ को अभिमंत्रित कर किसी पीले कपड़े में बांधकर धन-स्थान पर रखें ।
* यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती हो, तो किसी भी मास के प्रथम सोमवार को २१ अभिमन्त्रित गोमती चक्रों को पीले अथवा लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखकर हल्दी से तिलक करें । फिर मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उस पोटली को लेकर सारे घर में घूमते हुए घर के बाहर आकर किसी निकट के मन्दिर में रख दें ।
* यदि आप अधिक आर्थिक समृद्धि के इच्छुक हैं, तो अभिमंत्रित गोमती चक्र और काली हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखें ।
* यदि आपके परिवार में खर्च अधिक होता है, भले ही वह किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए ही क्यों न हो, तो शुक्रवार को २१ अभिमन्त्रित गोमती चक्र लेकर पीले या लाल वस्त्र पर स्थान देकर धूप-दीप से पूजा करें । अगले दिन उनमें से चार गोमती चक्र उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक गाड़ दें । १३ चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें और शेष किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें ।
* यदि आपके गुप्त शत्रु अधिक हों अथवा किसी व्यक्ति की काली नज़र आपके व्यवसाय पर लग गई हो, तो २१ अभिमंत्रित गोमती चक्रों व तीन लघु नारियल को पूजा के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्य द्वारे पर लटका दें ।
* गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर रखें तो ये शीघ्र शुभ फल देते हैं। सात गोमती चक्रों को शुक्ल पक्ष के प्रथम अथवा दीपावली पर लाल वस्त्र में अभिमंत्रित कर पोटली बना कर धन स्थान पर रखें ।
* व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है।
* धन लाभ के लिए 11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें। उनके सामने श्री नम: का जप करें। इससे आप जो भी कार्य या व्यवसाय करते हैं उसमें बरकत होगी और आमदनी बढऩे लगेगी।
* यदि बार-बार गर्भ गिर रहा हो तो दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर कमर में बांध दें तो गर्भ गिरना बंद हो जाता है।
* यदि कोई कचहरी जाते समय घर के बाहर गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पांव रखकर जाए तो उस दिन कोर्ट-कचहरी में सफलता प्राप्त होती है।
* चाँदी में जड़वाकर बच्चे के गले में पहना देने से बच्चे को नजर नहीं लगती तथा बच्चा स्वस्थ बना रहता है ।
* यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो, तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर से घुमाकर आग में डाल दे, तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है ।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग-
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग-
पति को वश में करने के लिए :-
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* यह प्रयोग शुक्ल में पक्ष करना चाहिए ! एक पान का पत्ता लें ! उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें ! फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें ! पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें ! और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय ! यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय ! पान का पत्ता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो ! रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें ! 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें ! शीघ्र समस्या का समाधान होगा !
* अगर आपके पति किसी अन्य स्त्री पर आसक्त हैं और आप से लड़ाई-झगड़ा इत्यादि करते हैं। तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत कारगर है, प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें। धूनी करने से पहले उस स्त्री का नाम लें और यह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्र ही छूट जाएं। श्रद्धा-विश्वास के साथ करने से निश्चिय ही आपको लाभ मिलेगा।
* जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल में फंस गये हों या आपस में प्रेम नहीं रखते हों, लड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूल बनाया जा सकता है।
गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में १२ बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा
गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में १२ बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा
वैवाहिक सुख के लिए :-
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* कन्या का विवाह हो जाने के बाद उसके घर से विदा होते समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
घर की कलह को समाप्त करने का उपाय:-
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* रोजाना सुबह जागकर अपने स्वर को देखना चाहिये,नाक के बायें स्वर से जागने पर फ़ौरन बिस्तर छोड कर अपने काम में लग जाना चाहिये,अगर नाक से दाहिना स्वर चल रहा है तो दाहिनी तरफ़ बगल के नीचे तकिया लगाकर दुबारा से सो जाना चाहिये,कुछ समय में बायां स्वर चलने लगेगा,सही तरीके से चलने पर बिस्तर छोड देना चाहिये।
कन्या विवाह हेतु :-
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* यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें ! भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें ! विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी !
* प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे ! विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी
परिवार में शांति बनाए रखने के लिए :-
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* बुधवार को मिट्टी के बने एक शेर को उसके गले में लाल चुन्नी बांधकर और लाल टीका लगाकर माता के मंदिर में रखें और माता को अपने परिवार की सभी समस्याएं बताकर उनसे शांति बनाए रखने की विनती करें। यह क्रिया निष्ठापूर्वक करें, परिवार में शांति कायम होगी।
दिमाग से चिन्ता हटाने का टोटका :-
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* अधिकतर पारिवारिक कारणों से दिमाग बहुत ही उत्तेजना में आजाता है,परिवार की किसी समस्या से या लेन देन से,अथवा किसी रिस्तेनाते को लेकर दिमाग एक दम उद्वेलित होने लगता है,ऐसा लगने लगता है कि दिमाग फ़ट पडेगा,इसका एक अनुभूत टोटका है कि जैसे ही टेंसन हो एक लोटे में या जग में पानी लेकर उसके अन्दर चार लालमिर्च के बीज डालकर अपने ऊपर सात बार उबारा (उसारा) करने के बाद घर के बाहर सडक पर फ़ेंक दीजिये,फ़ौरन आराम मिल जायेगा।
मानसिक परेशानी दूर करने के लिए :-
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* रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें ! प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें ! अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें
व्यापार, विवाह या किसी भी कार्य के करने में बार-बार असफलता मिल रही हो तो यह टोटका करें:-
* सरसों के तैल में सिके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात्रि में किसी चौराहे पर रखें और कहें -“हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूँ कृपा करके मेरा पीछा ना करना।´´ सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।
रोग से छुटकारा पाने के लिए :-
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* यदि बीमारी का पता नहीं चल पा रहा हो और व्यक्ति स्वस्थ भी नहीं हो पा रहा हो, तो सात प्रकार के अनाज एक-एक मुट्ठी लेकर पानी में उबाल कर छान लें। छने व उबले अनाज (बाकले) में एक तोला सिंदूर की पुड़िया और ५० ग्राम तिल का तेल डाल कर कीकर (देसी बबूल) की जड़ में डालें या किसी भी रविवार को दोपहर १२ बजे भैरव स्थल पर चढ़ा दें।
नजर बाधा दूर करने के लिए :-
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* मिर्च, राई व नमक को पीड़ित व्यक्ति के सिर से वार कर आग में जला दें। चंद्रमा जब राहु से पीड़ित होता है तब नजर लगती है। मिर्च मंगल का, राई शनि का और नमक राहु का प्रतीक है। इन तीनों को आग (मंगल का प्रतीक) में डालने से नजर दोष दूर हो जाता है। यदि इन तीनों को जलाने पर तीखी गंध न आए तो नजर दोष समझना चाहिए। यदि आए तो अन्य उपाय करने चाहिए।
किसी रोग से ग्रसित होने पर :-
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* सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें ! अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें ! सेहत ठीक रहेगी !
* एक रुपये का सिक्का रात को सिरहाने में रख कर सोएं और सुबह उठकर उसे श्मशान के आसपास फेंक दें, रोग से मुक्ति मिल जाएगी
शादी करने का अनुभूत उपाय : -
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* पुरुषों को विभिन्न रंगों से स्त्रियों की तस्वीरें और महिलाओं को लाल रंग से पुरुषों की तस्वीर सफ़ेद कागज पर रोजाना तीन महिने तक एक एक बनानी चाहिये।
* अगर लड़की की उम्र निकली जा रही है और सुयोग्य लड़का नहीं मिल रहा। रिश्ता बनता है फिर टूट जाता है। या फिर शादी में अनावश्यक देरी हो रही हो तो कुछ छोटे-छोटे सिद्ध टोटकों से इस दोष को दूर किया जा सकता है। ये टोटके अगर पूरे मन से विश्वास करके अपनाए जाएं तो इनका फल बहुत ही कम समय में मिल जाता है।
जानिए क्या हैं ये टोटके :-
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* रविवार को पीले रंग के कपड़े में सात सुपारी, हल्दी की सात गांठें, गुड़ की सात डलियां, सात पीले फूल, चने की दाल (करीब 70 ग्राम), एक पीला कपड़ा (70 सेमी), सात पीले सिक्के और एक पंद्रह का यंत्र माता पार्वती का पूजन करके चालीस दिन तक घर में रखें। विवाह के निमित्त मनोकामना करें। इन चालीस दिनों के भीतर ही विवाह के आसार बनने लगेंगे।
* लड़की को गुरुवार का व्रत करना चाहिए। उस दिन कोई पीली वस्तु का दान करे। दिन में न सोए, पूरे नियम संयम से रहे।
* सावन के महीने में शिवजी को रोजाना बिल्व पत्र चढ़ाए। बिल्व पत्र की संख्या 108 हो तो सबसे अच्छा परिणाम मिलता है।
* शिवजी का पूजन कर निर्माल्य का तिलक लगाए तो भी जल्दी विवाह के योग बनते हैं।
घर में खुशहाली तथा दुकान की उन्नति हेतु :-
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* घर या व्यापार स्थल के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल से धो लें और वहां स्वास्तिक की स्थापना करें और उस पर रोज चने की दाल और गुड़ रखकर उसकी पूजा करें। साथ ही उसे ध्यान रोज से देखें और जिस दिन वह खराब हो जाए उस दिन उस स्थान पर एकत्र सामग्री को जल में प्रवाहित कर दें। यह क्रिया शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार को आरंभ कर ११ बृहस्पतिवार तक नियमित रूप से करें। फिर गणेश जी को सिंदूर लगाकर उनके सामने लड्डू रखें तथा ÷जय गणेश काटो कलेश' कहकर उनकी प्रार्थना करें, घर में सुख शांति आ जागी
सफलता प्राप्ति के लिए :-
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* प्रातः सोकर उठने के बाद नियमित रूप से अपनी हथेलियों को ध्यानपूर्वक देखें और तीन बार चूमें। ऐसा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है। यह क्रिया शनिवार से शुरू करें।
धन लाभ के लिए :-
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* शनिवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और ७ शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी।
संपत्ति में वृद्धि हेतु : -
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* किसी भी बृहस्पतिवार को बाजार से जलकुंभी लाएं और उसे पीले कपड़े में बांधकर घर में कहीं लटका दें। लेकिन इसे बार-बार छूएं नहीं। एक सप्ताह के बाद इसे बदल कर नई कुंभी ऐसे ही बांध दें। इस तरह सात बृहस्पतिवार करें। यह निच्च्ठापूर्वक करें, ईश्वर ने चाहा तो आपकी संपत्ति में वृद्धि अवष्य होगी।
* यदि घर के छोटे बच्चे पीड़ित हों, तो मोर पंख को पूरा जलाकर उसकी राख बना लें और उस राख से बच्चे को नियमित रूप से तिलक लगाएं तथा थोड़ी-सी राख चटा दें।
व्यापार वृद्धि हेतु : -
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* व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथा एकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें। फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथा सप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों को बांटें। भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।
સૌના ભલામાં આપણું ભલું સમાયેલું છેTRUE IS GOD
12 Jul 2015
Keyboard Shorcuts (Microsoft Windows)
More than 100 Keyboard Shortcuts must read
...
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Keyboard Shorcuts (Microsoft Windows)
1. CTRL+C (Copy)
2. CTRL+X (Cut)
3. CTRL+V (Paste)
4. CTRL+Z (Undo)
5. DELETE (Delete)
6. SHIFT+DELETE (Delete the selected item permanently without placing the item in the Recycle Bin)
7. CTRL while dragging an item (Copy the selected item)
8. CTRL+SHIFT while dragging an item (Create a shortcut to the selected item)
9. F2 key (Rename the selected item)
10. CTRL+RIGHT ARROW (Move the insertion point to the beginning of the next word)
11. CTRL+LEFT ARROW (Move the insertion point to the beginning of the previous word)
12. CTRL+DOWN ARROW (Move the insertion point to the beginning of the next paragraph)
13. CTRL+UP ARROW (Move the insertion point to the beginning of the previous paragraph)
14. CTRL+SHIFT with any of the arrow keys (Highlight a block of text)
SHIFT with any of the arrow keys (Select more than one item in a window or on the desktop, or select text in a document)
15. CTRL+A (Select all)
16. F3 key (Search for a file or a folder)
17. ALT+ENTER (View the properties for the selected item)
18. ALT+F4 (Close the active item, or quit the active program)
19. ALT+ENTER (Display the properties of the selected object)
20. ALT+SPACEBAR (Open the shortcut menu for the active window)
21. CTRL+F4 (Close the active document in programs that enable you to have multiple documents opensimultaneou sly)
22. ALT+TAB (Switch between the open items)
23. ALT+ESC (Cycle through items in the order that they had been opened)
24. F6 key (Cycle through the screen elements in a window or on the desktop)
25. F4 key (Display the Address bar list in My Computer or Windows Explorer)
26. SHIFT+F10 (Display the shortcut menu for the selected item)
27. ALT+SPACEBAR (Display the System menu for the active window)
28. CTRL+ESC (Display the Start menu)
29. ALT+Underlined letter in a menu name (Display the corresponding menu) Underlined letter in a command name on an open menu (Perform the corresponding command)
30. F10 key (Activate the menu bar in the active program)
31. RIGHT ARROW (Open the next menu to the right, or open a submenu)
32. LEFT ARROW (Open the next menu to the left, or close a submenu)
33. F5 key (Update the active window)
34. BACKSPACE (View the folder onelevel up in My Computer or Windows Explorer)
35. ESC (Cancel the current task)
36. SHIFT when you insert a CD-ROMinto the CD-ROM drive (Prevent the CD-ROM from automatically playing)
1. CTRL+C (Copy)
2. CTRL+X (Cut)
3. CTRL+V (Paste)
4. CTRL+Z (Undo)
5. DELETE (Delete)
6. SHIFT+DELETE (Delete the selected item permanently without placing the item in the Recycle Bin)
7. CTRL while dragging an item (Copy the selected item)
8. CTRL+SHIFT while dragging an item (Create a shortcut to the selected item)
9. F2 key (Rename the selected item)
10. CTRL+RIGHT ARROW (Move the insertion point to the beginning of the next word)
11. CTRL+LEFT ARROW (Move the insertion point to the beginning of the previous word)
12. CTRL+DOWN ARROW (Move the insertion point to the beginning of the next paragraph)
13. CTRL+UP ARROW (Move the insertion point to the beginning of the previous paragraph)
14. CTRL+SHIFT with any of the arrow keys (Highlight a block of text)
SHIFT with any of the arrow keys (Select more than one item in a window or on the desktop, or select text in a document)
15. CTRL+A (Select all)
16. F3 key (Search for a file or a folder)
17. ALT+ENTER (View the properties for the selected item)
18. ALT+F4 (Close the active item, or quit the active program)
19. ALT+ENTER (Display the properties of the selected object)
20. ALT+SPACEBAR (Open the shortcut menu for the active window)
21. CTRL+F4 (Close the active document in programs that enable you to have multiple documents opensimultaneou sly)
22. ALT+TAB (Switch between the open items)
23. ALT+ESC (Cycle through items in the order that they had been opened)
24. F6 key (Cycle through the screen elements in a window or on the desktop)
25. F4 key (Display the Address bar list in My Computer or Windows Explorer)
26. SHIFT+F10 (Display the shortcut menu for the selected item)
27. ALT+SPACEBAR (Display the System menu for the active window)
28. CTRL+ESC (Display the Start menu)
29. ALT+Underlined letter in a menu name (Display the corresponding menu) Underlined letter in a command name on an open menu (Perform the corresponding command)
30. F10 key (Activate the menu bar in the active program)
31. RIGHT ARROW (Open the next menu to the right, or open a submenu)
32. LEFT ARROW (Open the next menu to the left, or close a submenu)
33. F5 key (Update the active window)
34. BACKSPACE (View the folder onelevel up in My Computer or Windows Explorer)
35. ESC (Cancel the current task)
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Dialog Box - Keyboard Shortcuts
1. CTRL+TAB (Move forward through the tabs)
2. CTRL+SHIFT+TAB (Move backward through the tabs)
3. TAB (Move forward through the options)
4. SHIFT+TAB (Move backward through the options)
5. ALT+Underlined letter (Perform the corresponding command or select the corresponding option)
6. ENTER (Perform the command for the active option or button)
7. SPACEBAR (Select or clear the check box if the active option is a check box)
8. Arrow keys (Select a button if the active option is a group of option buttons)
9. F1 key (Display Help)
10. F4 key (Display the items in the active list)
11. BACKSPACE (Open a folder one level up if a folder is selected in the Save As or Open dialog box)
1. CTRL+TAB (Move forward through the tabs)
2. CTRL+SHIFT+TAB (Move backward through the tabs)
3. TAB (Move forward through the options)
4. SHIFT+TAB (Move backward through the options)
5. ALT+Underlined letter (Perform the corresponding command or select the corresponding option)
6. ENTER (Perform the command for the active option or button)
7. SPACEBAR (Select or clear the check box if the active option is a check box)
8. Arrow keys (Select a button if the active option is a group of option buttons)
9. F1 key (Display Help)
10. F4 key (Display the items in the active list)
11. BACKSPACE (Open a folder one level up if a folder is selected in the Save As or Open dialog box)
Microsoft Natural Keyboard Shortcuts
1. Windows Logo (Display or hide the Start menu)
2. Windows Logo+BREAK (Display the System Properties dialog box)
3. Windows Logo+D (Display the desktop)
4. Windows Logo+M (Minimize all of the windows)
5. Windows Logo+SHIFT+M (Restorethe minimized windows)
6. Windows Logo+E (Open My Computer)
7. Windows Logo+F (Search for a file or a folder)
8. CTRL+Windows Logo+F (Search for computers)
9. Windows Logo+F1 (Display Windows Help)
10. Windows Logo+ L (Lock the keyboard)
11. Windows Logo+R (Open the Run dialog box)
12. Windows Logo+U (Open Utility Manager)
13. Accessibility Keyboard Shortcuts
14. Right SHIFT for eight seconds (Switch FilterKeys either on or off)
15. Left ALT+left SHIFT+PRINT SCREEN (Switch High Contrast either on or off)
16. Left ALT+left SHIFT+NUM LOCK (Switch the MouseKeys either on or off)
17. SHIFT five times (Switch the StickyKeys either on or off)
18. NUM LOCK for five seconds (Switch the ToggleKeys either on or off)
19. Windows Logo +U (Open Utility Manager)
20. Windows Explorer Keyboard Shortcuts
21. END (Display the bottom of the active window)
22. HOME (Display the top of the active window)
23. NUM LOCK+Asterisk sign (*) (Display all of the subfolders that are under the selected folder)
24. NUM LOCK+Plus sign (+) (Display the contents of the selected folder)
1. Windows Logo (Display or hide the Start menu)
2. Windows Logo+BREAK (Display the System Properties dialog box)
3. Windows Logo+D (Display the desktop)
4. Windows Logo+M (Minimize all of the windows)
5. Windows Logo+SHIFT+M (Restorethe minimized windows)
6. Windows Logo+E (Open My Computer)
7. Windows Logo+F (Search for a file or a folder)
8. CTRL+Windows Logo+F (Search for computers)
9. Windows Logo+F1 (Display Windows Help)
10. Windows Logo+ L (Lock the keyboard)
11. Windows Logo+R (Open the Run dialog box)
12. Windows Logo+U (Open Utility Manager)
13. Accessibility Keyboard Shortcuts
14. Right SHIFT for eight seconds (Switch FilterKeys either on or off)
15. Left ALT+left SHIFT+PRINT SCREEN (Switch High Contrast either on or off)
16. Left ALT+left SHIFT+NUM LOCK (Switch the MouseKeys either on or off)
17. SHIFT five times (Switch the StickyKeys either on or off)
18. NUM LOCK for five seconds (Switch the ToggleKeys either on or off)
19. Windows Logo +U (Open Utility Manager)
20. Windows Explorer Keyboard Shortcuts
21. END (Display the bottom of the active window)
22. HOME (Display the top of the active window)
23. NUM LOCK+Asterisk sign (*) (Display all of the subfolders that are under the selected folder)
24. NUM LOCK+Plus sign (+) (Display the contents of the selected folder)
MMC COnsole Windows Shortcut keys
1. SHIFT+F10 (Display the Action shortcut menu for the selected item)
2. F1 key (Open the Help topic, if any, for the selected item)
3. F5 key (Update the content of all console windows)
4. CTRL+F10 (Maximize the active console window)
5. CTRL+F5 (Restore the active console window)
6. ALT+ENTER (Display the Properties dialog box, if any, for theselected item)
7. F2 key (Rename the selected item)
8. CTRL+F4 (Close the active console window. When a console has only one console window, this shortcut closes the console)
2. F1 key (Open the Help topic, if any, for the selected item)
3. F5 key (Update the content of all console windows)
4. CTRL+F10 (Maximize the active console window)
5. CTRL+F5 (Restore the active console window)
6. ALT+ENTER (Display the Properties dialog box, if any, for theselected item)
7. F2 key (Rename the selected item)
8. CTRL+F4 (Close the active console window. When a console has only one console window, this shortcut closes the console)
Remote Desktop Connection Navigation
1. CTRL+ALT+END (Open the Microsoft Windows NT Security dialog box)
2. ALT+PAGE UP (Switch between programs from left to right)
3. ALT+PAGE DOWN (Switch between programs from right to left)
4. ALT+INSERT (Cycle through the programs in most recently used order)
5. ALT+HOME (Display the Start menu)
6. CTRL+ALT+BREAK (Switch the client computer between a window and a full screen)
7. ALT+DELETE (Display the Windows menu)
8. CTRL+ALT+Minus sign (-) (Place a snapshot of the active window in the client on the Terminal server clipboard and provide the same functionality as pressing PRINT SCREEN on a local computer.)
9. CTRL+ALT+Plus sign (+) (Place asnapshot of the entire client window area on the Terminal server clipboardand provide the same functionality aspressing ALT+PRINT SCREEN on a local computer.)
1. CTRL+ALT+END (Open the Microsoft Windows NT Security dialog box)
2. ALT+PAGE UP (Switch between programs from left to right)
3. ALT+PAGE DOWN (Switch between programs from right to left)
4. ALT+INSERT (Cycle through the programs in most recently used order)
5. ALT+HOME (Display the Start menu)
6. CTRL+ALT+BREAK (Switch the client computer between a window and a full screen)
7. ALT+DELETE (Display the Windows menu)
8. CTRL+ALT+Minus sign (-) (Place a snapshot of the active window in the client on the Terminal server clipboard and provide the same functionality as pressing PRINT SCREEN on a local computer.)
9. CTRL+ALT+Plus sign (+) (Place asnapshot of the entire client window area on the Terminal server clipboardand provide the same functionality aspressing ALT+PRINT SCREEN on a local computer.)
Microsoft Internet Explorer Keyboard Shortcuts
1. CTRL+B (Open the Organize Favorites dialog box)
2. CTRL+E (Open the Search bar)
3. CTRL+F (Start the Find utility)
4. CTRL+H (Open the History bar)
5. CTRL+I (Open the Favorites bar)
6. CTRL+L (Open the Open dialog box)
7. CTRL+N (Start another instance of the browser with the same Web address)
8. CTRL+O (Open the Open dialog box,the same as CTRL+L)
9. CTRL+P (Open the Print dialog box)
10. CTRL+R (Update the current Web )
1. CTRL+B (Open the Organize Favorites dialog box)
2. CTRL+E (Open the Search bar)
3. CTRL+F (Start the Find utility)
4. CTRL+H (Open the History bar)
5. CTRL+I (Open the Favorites bar)
6. CTRL+L (Open the Open dialog box)
7. CTRL+N (Start another instance of the browser with the same Web address)
8. CTRL+O (Open the Open dialog box,the same as CTRL+L)
9. CTRL+P (Open the Print dialog box)
10. CTRL+R (Update the current Web )
સૌના ભલામાં આપણું ભલું સમાયેલું છેTRUE IS GOD
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