*इजराइल क्षत्रिय आर्यवीर दलपत सिंह का ऋणी है*
➡ *कैसे छुपाया जाता हे इतिहास को?*
*ये बस उसका एक छोटा सा ही उदाहरण है*
मोदी जी के इजराइल जाने पे पता चला कि हमारे जोधपुर के सैनिको ने मात्र तलवार और भालो से मशीनगन से लेस तुर्की और अरब की इस्लामी सेना को हराया था। क्षत्रिय दलपत सिंह जी के नेतृत्व में ये जंग जीती गयी। जिसे इजराइल आज भी संजो के रखा हुआ हे और अहसानमंद है भारत का।
*धन्यवाद मोदी जी का कि उनके माध्यम से हमें ये जानकारी मिली की हाइफा शहर को आजाद कराने में जोधपुर के क्षत्रिय आर्यवीर बहादुरो का हाथ था। मात्र 1350 बहादुरो ने 5000 बंदूकधारी इस्लामिक सैनिको को धूल चटा दी और 44 बहादुर, 63 घोड़े शहीद हुए।*
पर ये हमारे देश की इतिहास की किताबों से बाहर है, अब आप समझ सकते है की कैसे छुपाया जाता है इतिहास को।
ये सेक्युलर और वामपंथी इतिहासकार क्षत्रियों के स्वर्णिम काल और उपलब्धियों को छिपाकर, मुगलों और इस्लामिक हमलावरों के महिमामंडल में तो लगा ही रहता है, औरंगजेब और टीपू सुल्तान इन्हे हीरो लगते है
पर दलपत सिंह और जोधपुर के आर्यवीर सैनिको की इतनी बड़ी उपलब्धि ही इन्होने किताब से बाहर की हुई है। *जबकि क्षत्रिय आर्यवीर दलपत सिंह को पूरा इजराइल जानता है, पर भारतीयों ने उनका नाम तब सुना जब 70 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजराइल गया।*
*इन वामपंथी इतिहासकारों ने देश से बहुत कुछ छुपाया हुआ है, जिसका पता आने वाले समय में भी चलेगा। वामपंथी और सेक्युलर तत्वों ने हमेशा से देश का बेडा गर्क करने का ही काम किया है।*
* जय भारत*
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