6 May 2020

वैज्ञानिकों ने किया आगाह, कोरोना का बदला रूप पहले से ज्यादा खतरनाक

वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए रूप की पहचान की है. वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना का यह रूप अपने वास्तविक रूप से कहीं ज्यादा संक्रामक हो सकता है और यह नया रूप पूरी दुनिया में फैल चुका है. अमेरिका के Los Alamos National Laboratory के वैज्ञानिकों ने एक नई स्टडी में इस बात का जिक्र किया है.
कोरोना वायरस के वैक्सीन पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने Los Angeles Times को बताया कि शुरुआती रिपोर्ट्स के हिसाब से उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि यह वायरस स्थिर है और यह इन्फ्लूएंजा वायरस की तरह नहीं बदलता है, जिसमें हर साल एक नई वैक्सीन की जरूरत पड़ती है. लेकिन  Los Alamos की रिपोर्ट से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है.

शोधकर्ताओं ने लिखा है कि कोरोना का नया रूप फरवरी में सबसे पहले यूरोप में दिखाई दिया, जो जल्दी ही अमेरिका और फिर मार्च तक दुनिया भर में फैल गया. रिपोर्ट में इस बात की भी चेतावनी दी गई है कि तेजी से फैलने के अलावा यह वायरस लोगों को इतना कमजोर बना सकता है कि उन्हें दोबारा इंफेक्शन भी हो सकता है. 33 पन्ने की यह रिपोर्ट BioRxiv वेबसाइट में छपी है. इस वेबसाइट पर वैज्ञानिक और शोधकर्ता COVID-19 की वैक्सीन और इलाज के बारे में अपनी रिपोर्ट देते हैं.
नई रिपोर्ट के मुताबिक, यह बदलाव कोरोना वायरस के बाहरी हिस्से के स्पाइक में हो रहा है, जो श्वसन कोशिकाओं को अपना निशाना बना है. रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि उन्हें प्रारंभिक चेतावनी देने की जरूरत महसूस हुई ताकि दुनिया भर में बन रहे कोरोना की वैक्सीन और ड्रग, वायरस के इस बदलते रूप को ध्यान में रख कर बनाई जाएं
कोरोना वायरस के वैक्सीन पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने Los Angeles Times को बताया कि शुरुआती रिपोर्ट्स के हिसाब से उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि यह वायरस स्थिर है और यह इन्फ्लूएंजा वायरस की तरह नहीं बदलता है, जिसमें हर साल एक नई वैक्सीन की जरूरत पड़ती है. लेकिन  Los Alamos की रिपोर्ट से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है.

नई रिपोर्ट के मुताबिक, यह बदलाव कोरोना वायरस के बाहरी हिस्से के स्पाइक में हो रहा है, जो श्वसन कोशिकाओं को अपना निशाना बना है. रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि उन्हें प्रारंभिक चेतावनी देने की जरूरत महसूस हुई ताकि दुनिया भर में बन रहे कोरोना की वैक्सीन और ड्रग, वायरस के इस बदलते रूप को ध्यान में रख कर बनाई जाएं

रिपोर्ट के अनुसार कई जगहों पर कोरोना के वास्तविक रूप की तुलना में इसके नए स्वरूप ने लोगों को बहुत तेजी से संक्रमित किया है. वायरस का यह रूप अपने वास्तविक रूप को बदल कर बहुत ज्यादा संक्रामक हो चुका है.
यह रिपोर्ट जर्मनी के संगठन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा द्वारा इकट्ठा किए गए दुनिया भर के 6,000 से अधिक कोरोना वायरस के मामले के कम्प्यूटर विश्लेषण पर आधारित है. इस विश्लेषण में हर बार यही पाया गया कि कोरोना का नया स्वरूप पुराने पर हावी हो चुका है.

नई रिपोर्ट के मुताबिक, यह बदलाव कोरोना वायरस के बाहरी हिस्से के स्पाइक में हो रहा है, जो श्वसन कोशिकाओं को अपना निशाना बना है. रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि उन्हें प्रारंभिक चेतावनी देने की जरूरत महसूस हुई ताकि दुनिया भर में बन रहे कोरोना की वैक्सीन और ड्रग, वायरस के इस बदलते रूप को ध्यान में रख कर बनाई जाएं
रिपोर्ट के अनुसार कई जगहों पर कोरोना के वास्तविक रूप की तुलना में इसके नए स्वरूप ने लोगों को बहुत तेजी से संक्रमित किया है. वायरस का यह रूप अपने वास्तविक रूप को बदल कर बहुत ज्यादा संक्रामक हो चुका है.

नई रिपोर्ट के मुताबिक, यह बदलाव कोरोना वायरस के बाहरी हिस्से के स्पाइक में हो रहा है, जो श्वसन कोशिकाओं को अपना निशाना बना है. रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि उन्हें प्रारंभिक चेतावनी देने की जरूरत महसूस हुई ताकि दुनिया भर में बन रहे कोरोना की वैक्सीन और ड्रग, वायरस के इस बदलते रूप को ध्यान में रख कर बनाई जाएं



Los Alamos के बायोलॉजिस्ट बेट्टे कोरबर ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'यह कहानी चिंताजनक है क्योंकि हम वायरस के रूप को बहुत तेजी से बदलते देख रहे हैं, जोकि अब महामारी बन चुका है. जब वायरस इस म्यूटेशन के साथ किसी आबादी में प्रवेश करता हैं, तो वो वहां के स्थानीय संक्रामक रोग को भी अपनी चपेट में ले लेता है और दोनों मिलकर और अधिक संक्रामक हो जाते हैं.


यह रिपोर्ट जर्मनी के संगठन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा द्वारा इकट्ठा किए गए दुनिया भर के 6,000 से अधिक कोरोना वायरस के मामले के कम्प्यूटर विश्लेषण पर आधारित है. इस विश्लेषण में हर बार यही पाया गया कि कोरोना का नया स्वरूप पुराने पर हावी हो चुका है.




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