1 Dec 2014

तुलसी के गुण

तुलसी की है ये एक महिमा.....!
* तुलसी के निकट जिस मन्त्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ
किया जाता है, वश सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है |
* प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब
तुलसी के पौधे से दूर भागते है |
* ब्रह्महत्या आदि पाप तथा पाप और खोटे विचार से उत्पन्न
होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से
नष्ट हो जाते है |
* तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और
स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है |
* श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक
पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है |
* जो चोटी में तुलसी स्थापित करके
प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है
|
* तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट
हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य
की प्राप्ति होती है |
* तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त
हो जाता है |
* तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर
धारण करता है, उसे गंगास्नान और १० गोदान का फल प्राप्त
होता है |
*आदिवासियों द्वारा शिवलिंगी के
बीजों को तुलसी और गुड़ के साथ
पीसकर नि:संतान महिला को खिलाया जाता है,
महिला को जल्द ही संतान सुख
की प्राप्ति होती है।
*औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के रस में
थाइमोल तत्व पाया जाता है जिससे त्वचा के रोगों में लाभ
होता है।
पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार
तुलसी के पत्तों को त्वचा पर रगड़ दिया जाए तो त्वचा पर
किसी भी तरह के संक्रमण में आराम
मिलता है।
*किडनी की पथरी में
तुलसी की पत्तियों को उबालकर
बनाया गया काढ़ा शहद के साथ नियमित 6 माह सेवन करने से
पथरी मूत्र मार्ग से बाहर निकल आती है।
*दिल की बीमारी में यह वरदान
साबित होती है क्योंकि यह खून में कोलेस्ट्राल
को नियंत्रित करती है। जिन्हें हॄदयाघात हुआ हो,
उन्हें तुलसी के रस का सेवन नियमित रूप से
करना चाहिए। तुलसी और हल्दी के
पानी का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्राल
की मात्रा नियंत्रित रहती है और इसे कोई
भी स्वस्थ वयक्ति सेवन में ला सकता है।
*इसकी पत्तियों का रस निकाल कर बराबर मात्रा में
नींबू का रस मिलायें और रात को चेहरे पर लगाये
तो झाईयां नहीं रहती,
फुंसियां ठीक होती है और चेहरे
की रंगत में निखार आता है।
*फ्लू रोग तुलसी के पत्तों का काढ़ा, सेंधा नमक मिलाकर
पीने से ठीक होता है। डाँग- गुजरात में
आदिवासी हर्बल जानकार फ्लु के दौरान बुखार से ग्रस्त
रोगी को तुलसी और सेंधा नमक लेने
की सलाह देते हैं।
*माइग्रेन" के निवारण में मदद मिलती है। प्रतिदिन दिन में
4-5 बार तुलसी से 6-8 पत्तियों को चबाने से कुछ
ही दिनों में माईग्रेन की समस्या में आराम
मिलने लगता है।

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